आषाढ़ पूर्णिमा पर लोगो ने लगाई गंगा में डुबकी, मंदिरो में की पूजा अर्चना
आषाढ़ पूर्णिमा पर लोगो ने लगाई गंगा में डुबकी, मंदिरो में की पूजा अर्चना
हिंदू धर्म का सबसे खास दिन आज आषाढ़ पूर्णिमा है. इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन शिष्य अपने गुरुओं को सम्मान देते हैं. गुरु की पूजा करते हैं. माना जाता है कि आज के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. वही इस अवसर पर मुंगेर जिला अंतर्गत, कष्टहरणी, सोझीं गंगा घाटों के अलावा कई अन्य घाटों पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई.
आज के दिन लोग गंगा घाटों पर स्नान कर अपने गुरुओं की पूजा अर्चना करते है, और उसके बाद दिन दुखियों को दान भी देते है। वही गंगा घाट के महंत एकलव्य दास ने बताया की हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. जिन्होंने महाभारत लिखकर हिंदुत्व के इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी.
ऐसे में उनके भक्तों द्वारा उनको गुरु मानकर उनकी पूजा की जाती है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस गंगा स्नान का बहुत ही बड़ा महत्व है । गंगा स्नान को ले घाटों पे सुरक्षा के विशेष इंतजामात किए गए है। गोताखोरों की टीम के अलावा पुलिस बल की भी तैनाती की है है ।