बालू के खेल में नपे अधिकारियों का क्या होगा, जानें...

बालू के खेल में नपे अधिकारियों का क्या होगा, जानें...

बिहार में बालू माफियाओं से सांठगांठ के आरोपी अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। बालू के खेल में नपे इन अधिकारियों के निलंबन अवधि और बढ़ सकती है।गौरतलब है कि पहले भी इन अधिकारियों के निलंबन की अवधि एक बार बढ़ाई जा चुकी है।इसमें दो आइपीएस चार एसडीपीओ सात खनन पदाधिकारी तीन सीओ और एक-एक एसडीओ और एमवीआइ शामिल थे। विभागीय कार्यवाही के कारण तीन से छह माह तक इनकी निलंबन अवधि बढ़ाए जाने का अनुमान है।

आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच जारी रहने और विभागीय कार्यवाही के कारण तीन से छह माह तक इनकी निलंबन अवधि बढ़ाए जाने का अनुमान है। इन सभी पदाधिकारियों के खिलाफ ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई थी। बीते जुलाई माह में बालू के खेल में 41 पदाधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक वरीय अफसर थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर व दारोगा पर भी कार्रवाई हुई थी। जिन पर कार्रवाई हुई है उनमें से एक दर्जन अफसरों के ठिकानों पर अभी तक ईओयू की टीम आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी कर चुकी है। सभी अफसरों के विरुद्ध अभी ईओयू की जांच जारी है, ऐसे में अभी अफसरों को राहत मिलने की संभावना नहीं है।

भोजपुर के निलंबित एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के निलंबित एसपी सुधीर कुमार पोरिका की निलंबन अवधि इसी माह 22 जनवरी को पूरी हो रही है। इसके पहले भी एक बार दोनों अफसरों की निलंबन अवधि बढ़ाई जा चुकी है। दोनों निलंबित एसपी में राकेश दुबे के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है, जबकि सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच जारी है।गौरतलब है कि बालू बिहार में बालू के अवैध खनन का मुद्दा लंबे समय से गरमाया हुआ है। प्रशासनिक महकमे और राजनीतिक गठजोड़ से माफियाओं ने बालू को अवैध कमाई का एक बड़ा जरिया बना रखा है।

सूत्रों की मानें तो इस कमाई का एक बड़ा हिस्सा उनको बचाने वाले बड़े बड़े अधिकारियों और कुछ राजनीतिक हस्तियों को भी जाता रहा है। इस बात की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य के माफियाओं के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया, लेकिन माफियाओं का तंत्र इतना मजबूत था कि राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश में बालू का अवैध खनन लगातार जारी रहा।  प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन का यह धंधा फल फूल रहा था। आखिरकार सरकार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बालू के अवैध खनन में संलिप्त 41 अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की ।