कोलेस्ट्रॉल के साथ कब्ज की समस्या को दूर करता है सत्तू, जानिए किन्हें नहीं करना चाहिए सेवन

कोलेस्ट्रॉल के साथ कब्ज की समस्या को दूर करता है सत्तू, जानिए किन्हें नहीं करना चाहिए सेवन

कोलेस्ट्रॉल के साथ कब्ज की समस्या को दूर करता है सत्तू, जानिए किन्हें नहीं करना चाहिए सेवन

सत्तू एक प्रोटीन रिच आटा है, जो चने, अन्य दालों और अनाजों को पीसकर बनाया जाता है. यह झारखंड, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे भारत के कई हिस्सों में काफी प्रसिद्ध है. दिलचस्पी की बात यह है कि यह पाकिस्तान के कई हिस्सों में भी पसंद किया जाता है. हालांकि, पहले यह कुछ राज्यों का विशेषता था, लेकिन अब यह हर जगह प्रसिद्ध हो गया है. सत्तू सुपरमार्केटों में भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है.

कई बार सत्तू को 'गरीबों का प्रोटीन' कहा जाता है. इसने हाल ही में लोकप्रियता हासिल की है और सुपर फूड के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. सत्तू से कुछ बहुत ही जल्द और स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं. इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं और इसे अक्सर एनर्जी का पावर हाउस कहा जाता है. नीचे सत्तू के बारे में कुछ जरूरी बातें बतायी गई है, जिन्हें आपको जानना जरूरी है.


सत्तू का इतिहास


सत्तू का उपयोग भारतीय खाने की परंपरा में वर्षों से होता आया है. इसका इतिहास बहुत पुराना है और यह उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रमुख भोजन के रूप में पसंद किया जाता है. सत्तू को प्राचीन काल से ग्रामीण क्षेत्रों में उचित पोषण सामग्री के रूप में मान्यता मिली है. इसे बांस या पत्थर के चक्की में पीसकर और भूनकर तैयार किया जाता है. सत्तू में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा पाया जाता है. यह भारतीय फूड की संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और लोग इसे विभिन्न तरीकों में सेवन करते हैं, जैसे कि सत्तू लड्डू, ठंडाई या सत्तू शरबत.

सत्तू के फायदे


नेचुरल समर कूलर: सत्तू से बना ड्रिंक गर्मियों के दौरान आपकी प्यास बुझाने के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है. यह शरीर को ज्यादा गर्म होने से बचाता है और शरीर के तापमान को काफी कम कर देता है.

पोषण से भरपूर: सत्तू सभी पोषक तत्वों को अपने अंदर समाहित कर लेती है. यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम से भरपूर है.

पाचन के लिए अच्छा: सत्तू में अधिक मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो आंतों के लिए बहुत अच्छा होता है. यह कोलन को साफ करता है और कब्ज व एसिडिटी से छुटकारा दिलाता है.

बीमारियों से लड़ने में मदद करता है: सत्तू एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है, जिसके कारण यह डायबिटीज मरीजों के लिए एक बढ़िया विकल्प है. यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है. इसमें मौजूद हाई फाइबर उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है.


वजन घटाने में मदद: अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो खाली पेट सत्तू का सेवन करना शुरू कर दें. यह सूजन को कम करने में मदद करता है. साथ ही मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और कैलोरी को प्रभावी ढंग से बर्न करता है.

सत्तू के नुकसान

सत्तू के अधिक मात्रा में सेवन करने पर पेट में गैस की समस्या हो सकती है. इसलिए जिन लोगों को गैस्ट्रिक की समस्या है उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. इसके अलावा जो लोग पित्ताशय में पथरी है, उन्हें सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए. इसके अलावा, जिन लोगों को चने से एलर्जी है या जिन्हें इसे पचाना मुश्किल लगता है, उन्हें सत्तू नहीं खाना चाहिए.